आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)


See Also

  • आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)
  • आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam). Hi al of dramaticmusings visitors. On this occasion we'll share :"आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)." i really hope that you like this आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam).

    आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)


    Movie/Album: संगम (1996)
    Music By: नुसरत फ़तेह अली खान
    Lyrics By: जावेद अख्तर
    Performed By: नुसरत फ़तेह अली खान

    उसने जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
    आफरीं-आफरीं...
    तू भी देखे अगर, तो कहे हमनशीं
    आफरीं-आफरीं...
    हुस्न-ए-जाना...

    ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
    जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
    जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
    जिस्म नगमा कोई, जिस्म खुशबू कोई
    जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
    जिस्म जैसे महकती हुई चांदनी
    जिस्म जैसे के खिलता हुआ इक चमन
    जिस्म जैसे के सूरज की पहली किरण
    जिस्म तरशा हुआ दिलकश-ओ-दिलनशीं
    संदली-संदली, मरमरी-मरमरी
    आफरीं-आफरीं...

    चेहरा इक फूल की तरह शादाब है
    चेहरा उसका है या कोई महताब है
    चेहरा जैसे ग़ज़ल, चेहरा जाने ग़ज़ल
    चेहरा जैसे कली, चेहरा जैसे कँवल
    चेहरा जैसे तसव्वुर भी, तस्वीर भी
    चेहरा इक ख्वाब भी, चेहरा ताबीर भी
    चेहरा कोई अलिफ़ लैल की दास्ताँ
    चेहरा इक पल यकीं, चेहरा इक पल गुमां
    चेहरा जैसा के चेहरा कहीं भी नहीं
    माहरू-माहरू, महजबीं-महजबीं
    आफरीन आफरीन...

    आँखें देखी तो मैं देखता रह गया
    जाम दो और दोनों ही दो आतशां
    आँखें या मैकदे की ये दो बाब हैं
    आँखें इनको कहूँ, या कहूँ ख्वाब हैं
    आँखें नीचे हुईं तो हया बन गयीं
    आँखें ऊँची हुईं तो दुआ बन गयीं
    आँखें उठाकर झुकीं तो अदा बन गयीं
    आँखें झुकाकर उठीं तो कदा बन गयीं
    आँखें जिनमें है क़ैद आसमां और ज़मीं
    नरगिसी-नरगिसी, सुरमई-सुरमई
    आफरीन-आफरीन...

    ज़ुल्फ़-ए-जाना की भी लम्बी है दास्ताँ
    ज़ुल्फ़ की मेरे दिल पर है परछाईयाँ
    ज़ुल्फ़ जैसे के उमड़ी हुई हो घटा
    ज़ुल्फ़ जैसे के हो कोई काली बला
    ज़ुल्फ़ उलझे तो दुनिया परेशान हो
    ज़ुल्फ़ सुलझे तो ये दीद आसान हो
    ज़ुल्फ़ बिखरे सियाह रात छाने लगी
    ज़ुल्फ़ लहराए तो रात जाने लगी
    ज़ुल्फ़ ज़ंजीर है, फिर भी कितनी हसीं
    रेशमी-रेशमी, अम्बरी-अम्बरी
    आफरीं-आफरीं...




    You are reading: आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)


    Thank you for your visit to this आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam).


    Song lyrics "आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)" on this page is originally fetched from: bukalirik.com

    That's the आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam)

    That's the आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam) song lyric. We hope you like it. Always visit this blog to find various song lyrics that you need.

    You are reading आफरीं आफरीं - Aafreen Aafreen (Nusrat Fateh Ali Khan, Sangam), Url address: https://dramaticmusings.blogspot.com/2016/08/aafreen-aafreen-nusrat-fateh-ali-khan.html